Indian Nominated Films

Sunday 16 December 2012

 

आमिर की तलाश

मानना पड़ेगा कि फ़िल्म की कसी हुई पटकथा, अच्छी लिखाई और अच्छे अभिनय ने मुझे पूरे समय बांधे रखा. विद्या बालन की फ़िल्म कहानी के बाद सस्पेंस से भरपूर ये दूसरी ऐसी कहानी है जो कुछ अगल है. इससे पहले आपका संदेह यकीन में बदले मैं ये बता देना चाहूंगा कि तलाश कहीं से भी फ़िल्म कहानी से नहीं मिलती, जैसे की कुछ मीडिया में कहा जा रहा था.

लेकिन मैं ये भी बताना चाहूंगा कि जो लोग हॉलीवुड की इस श्रेणी की फ़िल्मों से प्रभावित रहते हैं, उन्हें कहीं भी हिचकॉक नज़र नहीं आएंगे. तलाश एक तेज़ गति की ना सही पर एक बेहद पहेलीनुमा मौलिक कहानी है.
फ़िल्म एक सस्पेंस कहानी के सारे पहलुओं पर खरी तो उतरती है साथ ही एक मर्डर मिस्ट्री थ्रिलर जैसी फ़िल्मों से कहीं हटकर है.
फ़िल्म में और सब कुछ होते हुए कहानी के कई किरदारों की निजी जिंदगी की कहानी भी कही जा सकती है जिसमें प्रेम, लालच और एक घातक आकर्षण भी है,पर इन सबमें भी एक नयापन है.


तलाश उन लोगों को ज़रुर पसंद आएगी जो इंटेंस कहानी और फ़िल्म की खोज में रहते हैं. ये फ़िल्म एक मिस्ट्री होते हुए भी बहुत गंभीरता से एक ताकतवर विषय से जूझती है.

No comments:

Post a Comment